हेरिटेज सेंटर (भारतीय वायुसेना के विरासत केंद्र )का रक्षा मंत्री द्वारा चंडीगढ़ में उद्धघाटन, तथा साथ ही नवनिर्मित गौशाला का उद्घाटन किया गया इस केंद्र में भारतीय वायुसेना के समृद्ध इतिहास तथा विरासत का मूर्त रूप माने जाने वाली कलाकृति, भित्ति चित्रों तथा थ्रीडी डायोरमा का संग्रह है, जो वायुसेना की स्थापना के बाद से इसके विकास को दिखाता है। यह केंद्र भारतीय वायुसेना के वीरतापूर्ण कार्यों तथा विमान/उपकरण में देश की प्रगति को दिखाता है।
अपने सम्बोधन में रक्षा मंत्री ने उद्घाटन के बाद कहा कि यह विरासत केंद्र उन सभी के साहस और समर्पण का उदाहरण है, जिन्होंने भारतीय वायुसेना में अपनी सेवा दी हैं, यह उनके बलिदान को श्रद्धांजलि तथा राष्ट्र की रक्षा में उनके अमूल्य योगदान की याद दिलाता है। रक्षा मंत्री ने 1948 के युद्ध, 1961 का गोवा मुक्ति संग्राम, 1962, 1965, 1971 तथा करगिल युद्धों में भारतीय वायुसेना के योगदान को याद किया,जिसमें बल की शक्ति, प्रतिबद्धता और दक्षता को प्रदर्शित किया गया है। राजनाथ सिंह ने 1971 के युद्ध के बारे में कहा कि युद्ध के दौरान सेना के तीनों अंगों द्वारा प्रदर्शित संयुक्त कौशल, एकीकरण और प्रतिबद्धता अभूतपूर्व और असाधारण थी।