चंडीगढ़....शहर के नागरिकों और व्यापारियों के ज्वलंत मुद्दों जैसे शहर की ईवी पालिसी, शेयर वाइज प्रापर्टी की रजिस्ट्री, वॉयलेशन मिसयूज चार्जेज पर स्पष्टीकरण को लेकर प्रशासन के खिलफ सबको साथ मिलकर लड़ाई लड़ने के फैसले को लेकर शहर की विभिन्न 18 एसोसिएशनें एक मंच पर आ गई है और एकजुट हो कर अपनी लड़ाई लड़ने के लिए एक सांझी फोरम का गठन करने का एलान किया गया है।
पी अच डी चैंबर ऑफ कमर्स भवन में शहर के विभिन्न संस्थाओं ने मुख्य अतिथि मेयर अनूप गुप्ता की उपस्थिति में हुई एक महत्वपूर्ण मीटिंग मे शहर की विभिन्न ट्रेड यूनियन, इंडस्ट्री यूनियन, करॉफेड, व्यापार मंडल सहित अन्य एसोसिएशनों के पदाधिकारी शामिल हुए। मीटिंग के दौरान शहर के नागरिकों व व्यापारियों की समस्यायों पर चर्चा की गई। प्रशासन ने बिना कोई तैयारी किये जल्दबाजी में ईवी पॉलिसी लागु कर शहर वासियों के लिए समस्या खड़ी कर दी है। उन्होंने कहा कि जब तक दिल्ली की तर्ज पर अन्य राज्यों से आने वाले वाहनों पर लगाम नहीं लगती, तब तक यह समस्या हल नहीं होगी। ,मेयर ने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो हम शहर के बॉर्डर पर बैठ कर अन्य राज्यों से वाहनों को रोकेंगे। उन्होंने कहा कि पहले भी शराब पॉलिसी फेल हो चुकी है और इसमें बड़े राजस्व का नुकसान चंडीगढ़ प्रशासन को सहना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि क्या प्रशासन इसकी जिम्मेदारी तय कर रहा है।
मीटिंग के दौरान शहर में प्रशासन द्वारा शेयर वाइज रजिस्ट्री पर लगाई गई रोक के मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए मेयर अनूप गुप्ता ने कहा कि वह शहर के पहले नागरिक होने के साथ साथ शहर के एक आम नागरिक भी है। उन्होंने कहा कि बतौर नागरिक वह यह महसूस कर रहे है कि प्रशासन के इस फैसले से शेयर वाइज रजिस्ट्री रुकने के बाद शहर का हर नागरिक प्रभावित हो रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रशासन को चाहिए कि तुरंत प्रभाव से चंडीगढ़ का हैरिटेज क्षेत्र एरिया 1 से 30 सेक्टर को छोड़कर शहर के बाकी सभी सेक्टरों में शेयर वाइज प्रापर्टी की रजिस्ट्री यथावत शुरू कर देनी चाहिए।
मीटिंग के दौरान प्रशासन की ओर से प्रापर्टी के मिसयूज चार्जेस के मुद्दे पर चर्चा हुई। इस मुद्दे को लेकर मेयर अनूप गुप्ता ने कहा कि वर्ष 1952 के एक्ट के बाद वर्ष 2017 में एक नोटिफिकेशन के तहत मिसयूज के चार्जेस रिवाइज व तय हुए थे, लेकिन प्रशासन ने अब यह मुद्दा पार्लियामेंट में भेज दिया है। यह एक हैरानी वाली बात है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले प्रशासन को यह फैसला करना चाहिए कि यह मुद्दा मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर (एमएचए) के अंतर्गत है लेकिन प्रशासन ने यदि यह मुद्दा सुलझाना ही पार्लियामेंट में है, तो फिर वर्ष 2017 वाले नोटिफिकेशन किस आधार पर जारी हुआ था और क्यों न उसे नल एंड वायड घोषित कर देना चाहिए । शहर के मेयर अनूप गुप्ता ने फोरम को आश्वासन दिया कि वह प्रशासन के समक्ष इन मुद्दों पर बात करेंगे व जल्द हल न निकलने की सूरत में आम जनता का साथ देंगे।
आज की मीटिंग में रंजीव दहूजा, अवि भसीन, सुनील कुमार , चिरंजीव सिंह, जगदीश अरोड़ा , नरेश गर्ग, हरपाल सिंह, नवीन मिगलानी, राजीव धवन स्पीकर रहे, जिन्होंने अपने अपने विचार व्यक्त किये