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उद्योग व्यापार मण्डल द्वारा दानवीर भामाशाह की मनाई जयंती


चंडीगढ़....कैलाश चन्द जैन द्वारा सरकार से दानवीर भामाशाह जयंती को प्रत्येक वर्ष व्यपारी दिवस के रूप में मनाये जाने तथा मान्यता दिए जाने की मांग की 

UVM  चंडीगढ़ द्वारा व्यापार जगत के प्रेरणा स्रोत मुगलों से महाराणा प्रताप की जीत सुनिश्चित करने के लिए अपनी पूरी संपत्ति दान देने वाले दानवीर सेठ भामाशाह की जयंती पर उन्हें  भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गयी तथा  सरकार से भामाशाह की जयंती को व्यापारी दिवस के रूप में घोषित किए जाने का आह्वान भी किया गया ।

यूवीएम अध्यक्ष कैलाश चंद जैन की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में यूवीएम  के अनेक पदाधिकारियों व सदस्यों ने हिस्सा लिया, जिनमें, सुशील जैन, सत्य प्रकाश अग्रवाल, राकेश अग्रवाल, राजेश शर्मा , रजनीश शर्मा कृपाल सिंह,  टोनी जी,  राजेंद्र जैन, अभय जैन,  विशाल गोयल, सुरेश गर्ग, मोहित गुप्ता राजेश गर्ग, जिंदल जी, सौरव बिंदल के अलावा बड़ी संख्या में दुकानदार भी शामिल रहे  और भामाशाह को याद किया व पुष्पांजलि भेंट कर नमन किया।

इस मौके पर उद्योग व्यापार मंडल के सचिव सुशील जैन ने आए हुए दुकानदार भाइयों का  दिल से आभार व्यक्त किया। सभी दुकानदार भाइयों ने दानवीर भामाशाह के जन्मदिन को व्यापारी दिवस के रूप में मनाए जाने का प्रस्ताव पास किया जिसे केंद्र सरकार को भेजने का फैसला लिया। 

इस अवसर पर कैलाश चन्द जैन ने  कहा कि भामाशाह एक प्रमुख राजस्थानी व्यापारी, धनी और राजनीतिज्ञ थे। वे महाराणा प्रताप सिंह के सबसे विश्वसनीय और निष्ठावान साथी थे। भामाशाह ने महाराणा प्रताप के साथ मिलकर मारवाड़ी सम्राट को बहुत योगदान दिया और राजपूतों के योगदान को मजबूत किया।

भामाशाह की सबसे महत्वपूर्ण योगदानों में से एक उनकी महाराणा प्रताप को दी गयी  आर्थिक सहायता है। उन्होंने महाराणा प्रताप को मुगलों से लड़ने के लिये सेना तैयार करने के लिये बड़ी राशि प्रदान की ओर उनका समर्थन किया।

 उनकी सामरिक और आर्थिक सहायता के बिना, महाराणा प्रताप की युद्ध क्षमता प्रभावित हो सकती थी, लेकिन भामाशाह के सामरिक और आर्थिक समर्थन के कारण महाराणा प्रताप ने मावली की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अपने राज्य की स्वतंत्रता की रक्षा की।

भामाशाह ने अपने धन और समय का बहुत भाग मानव सेवा में खर्च किया। वे गरीबों, विधवाओं, अनाथ बच्चों, बीमारों और असहाय लोगों की मदद करने के लिए उनकी आर्थिक स्थिति का उपयोग करते थे। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया और अस्थायी रूप से मदद करने के लिए स्थायी योजनाएं स्थापित की।

कैलाश जैन ने  सरकार से मांग की कि भामाशाह जिनको एक बहुत बड़े व्यापारी के रूप में जाना जाता है तथा उनकी दानवीर की छवि से प्रेरित होकर व्यापारी वर्ग हमेशा दान पूण्य व देश सेवा में हमेशा अग्रणी रहते हैं  इसलिए सरकार को भी उनको एक रोलमॉडल के रूप में मान्यता देनी चाहिए तथा प्रत्येक वर्ष   भामाशाह की जयंती को  व्यपारी  दिवस के रूप में घोषित किया जाना चाहिए।


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