दुनिया भर में करोड़ों ऐसे बच्चे हैं, जो होटल, रेस्त्रां या घरों व फैक्टरी ,भट्टे व कंस्ट्रक्शन आदि मे लेबर का काम करते हैं, जो कि कानूनन अपराध है। यही वजह हैं की बच्चों को उचित शिक्षा और सही पोषण भी नहीं मिल पाता। इसीलिए हर साल समाज मे जागरूकता के लिए और बाल श्रम पर रोक लगाने के लिए 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है। इसी कड़ी में आज फिनटेक स्क्वेयर सेक्टर 75 में सुमित जिंदल व कर्मियों ने भी अपने आस पास की बस्तियों के जरूरतमंद बच्चों को स्टेशनरी , गिफ्ट्स ,कलर्स बांटे ताकि उन्हें पढ़ने में दिलचस्पी पैदा हो। आज का आयोजन वी आर योर स्माइल ’ अभियान के तहत किया गया ।
सुमित ने बताया कि भारत की बात करें तो सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2 करोड़ और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार तो लगभग 5 करोड़ बच्चे बाल श्रमिक हैं. इन बालश्रमिकों में से लगभग 19 प्रतिशत घरेलू नौकर हैं, ग्रामीण और असंगठित क्षेत्रों में तथा कृषि क्षेत्र से लगभग 80 प्रतिशत जुड़े हुए हैं. शेष अन्य क्षेत्रों में, बच्चों के अभिभावक ही बहुत थोड़े पैसों में उनको ऐसे ठेकेदारों के हाथ बेच देते हैं जो अपनी व्यवस्था के अनुसार उनको होटलों, कोठियों तथा अन्य कारखानों आदि में काम पर लगा देते हैं. इसके बदले बच्चों को दो वक्त का खाना देकर मनमाना काम कराते हैं. 18 घंटे या उससे भी अधिक काम करना, आधे पेट भोजन और मनमाफ़िक काम न होने पर पिटाई यही उनका जीवन बन जाता है ।