चंडीगढ़...डॉ. खरबंदा के अनुसार आँखों में लाली, सूजन और पलकें चिपकें तो समझो संक्रमण:ऐसे मे आँखों को बार-बार न छुएं, न रगड़ें; गुलाब जल से छीटें मारें, हल्दी-पानी भी कारगर हैं
बारिश के बाद बीमारियों का बढ़ना नई बात नहीं है। इन मौसमी बीमारियों की चपेट में ज्यादातर लोग आते हैं। मूसलाधार बारिश के बाद उमस भरी गर्मी झेल रहे लोगों की मुसीबत आई फ्लू ने बढ़ा दी है। डॉक्टर के पास लगी लंबी कतारों में बच्चों की तादाद ज्यादा है।
प्रशासन ने भी एडवाइजरी जारी की है ,आई फ्लू इन्फेक्शन से खुद को तथा परिवार को कैसे सुरक्षित रखा जाए। साथ ही कुछ टिप्स भी दिए जा रहे हैं , जो काफी कारगर हैं ।
डॉ.खरबंदा कहते हैं कि आई फ्लू एक बीमारी है जो आंखों को बेहद तकलीफ देती है। इसे वायरल कंजक्टिविटी कहते हैं। यह कॉमन इन्फेक्शन है, जिसकी चपेट में कभी न कभी हर इंसान आता है। आई फ्लू होने पर आंखों में जलन और खुजली होने लगती है। यह बीमारी सर्दियों और बारिश के मौसम में ज्यादा फैलती है और तेजी से फैल सकती है। आई फ्लू होने के दूसरे कारण भी हैं जैसे-कॉस्मेटिक या कॉन्टेक्ट लेंस।
बहुत ज्यादा इन्फेक्शन फैलने की वजह से यह आंखों के आगे एक पतली सी झिल्ली में पहुंच जाता है। जिसकी वजह से आंखों में खुजली की शिकायत होती है। साथ ही आंखों में सूजन आ जाती है। बर्दाश्त न कर पाने वाला दर्द होता है। हालांकि, आई फ्लू की चपेट में हर उम्र के लोग आते हैं, लेकिन बच्चों को यह अपनी गिरफ्त में जल्दी लेता है। कभी-कभी आई फ्लू इन्फेक्शन का कारण धूल-मिट्टी भी हो सकता है। यह इन्फेक्शन एक आंख से शुरू होकर दूसरी आंख तक फिर एक इंसान से दूसरे इंसान तक पहुंचता है। इन्फेक्शन में आंखों का रंग पीला होने के बाद धीरे-धीरे लाल होने लगता है।
*क्यों फैलता है आई फ्लू इन्फेक्शन*
यह इन्फेक्शन वायरस और बैक्टीरिया से फैलता है। इस परेशानी की वजह हीमोफिलस बैक्टीरिया है। कभी-कभी डिलीवरी के दौरान मां बैक्टीरिया या वायरस की चपेट में आ जाती है जिससे होने वाले बच्चे पर भी इसका असर देखा जा सकता है।
नवजात शिशु में डिलीवरी के 5 से 12 दिनों तक ही यह बैक्टीरियल कंजक्टिविटी यानी आई फ्लू नजर आता है। नवजात शिशुओं में भी आई-फ्लू इन्फेक्शन का कारण यही बैक्टीरिया होते हैं। जिसमें बच्चे की आंख गुलाबी होकर उसमें जलन होने लगती है या आंसू बहते हैं।
डॉ. खरबंदा के अनुसार *फ्लू के पहले दिन इन घरेलू नुस्खों को अपनाकर भी आई फ्लू का इलाज करें , परन्तु यदि फ्लू बढ़ जाये तो विशेषज्ञ का परामर्श लें*
1.आलूः आलू को पतले-पतले टुकड़ों में काट लें। रात में सोने से पहले उस कटे हुए आलू को आंखों के ऊपर 10 मिनट लगाकर रखें। जल्दी आराम मिलेगा।
2.आंवले का रस : 3 से 4 आंवलों का रस निकाल लें। एक गिलास पानी में उस रस को मिलाकर सुबह खाली पेट और रात में सोने से पहले इस्तेमाल करें।
3.पालक-गाजर का रसः पालक के 5 पत्तों का रस निचोड़ लें। 2 गाजर का रस निकाल लें। आधे कप पानी में गाजर और पालक के रस को मिलाकर पिएं।
4.गुनगुना पानी : हल्के गुनगुने पानी के इस्तेमाल से आंखों को धोने से आंखों के ऊपर जमने वाले गंदगी साफ हो जाएगी।
5.गुलाब जल : गुलाब जल से आंखों को धोने से आंखों का इन्फेक्शन कम होता है। गुलाब के जल की दो बूंदें आंखों में डालें, आराम मिलेगा।
6.शहद-पानीः एक गिलास पानी में 2 चम्मच शहद मिला लें। अब इस पानी का छींटे आंखों पर मारें। संक्रमण कम होगा।
7.हल्दी-गर्म पानी: 2 चम्मच हल्दी पाउडर को 2 मिनट गर्म करें। एक गिलास गर्म पानी में इस भुनी हल्दी को मिलाएं। इस पानी में रुई भिगोकर आंखें पोंछें।