चंडीगढ़....कलाग्राम में लगा यह मेला कला, संस्कृति और बाजार का संगम है। यह शिल्पकारों को गुणवत्तापूर्ण बाजार उपलब्ध कराने का बेहतर स्थान है। इसके जरिए देश की सांस्कृतिक विरासत से लोगों को परिचित कराया जाता है। मेला देख दर्शक बोल रहे 'ये नहीं देखा तो क्या देखा' ।
मेले में ओडिशा कलाकारों द्वारा मलखंब, पंजाब कलाकारों द्वारा लुड्डी, उत्तराखंड कलाकारों द्वारा पांडव नृत्य, हरियाणवी कलाकारों द्वारा धमाल की प्रस्तुति देखकर लोग आनंद विभोर हो गए। वहीं शाम के सत्र में पंजाब का फोक थिएटर नक्काल, झूमर और धाड़ी गायन हुआ। इस दौरान राजस्थान का कालबेलिया,गुजरात का राठवा, राजस्थान की भपंग, मध्य प्रदेश का गुदुम बाजा की प्रस्तुति के जरिए कलाकारों ने अपनी लोक संस्कृति का परिचय दिया। इसके साथ पंजाब के कलाकारों की ओर से बाजीगर, नचर की प्रस्तुति के बाद और हरियाणा के आर्टिस्टों द्वारा बीन-जोगी और नगाड़ा की प्रस्तुति दी गई। वहीं उत्तर प्रदेश, गोवा, लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, हरियाणा और मुंबई से आए कारीगरों के स्टॉल पर भी दस्तकारी और शिल्पकारी का अजब परिचय दे रहे हैं।
कलाग्राम में सलमान अली ने अपनी सुरीली आवाज से शाम को श्रोताओं की फरमाइश पर कई गाने गाए। उन्होंने अपने सुरों से ऐसा समां बंधा कि लोग थिरकने को मजबूर हो गए। जब मंच पर इंडियन आइडल फेम सलमान अली के ऊंचे अलाप सीधे श्रोताओं के दिलों तक पहुंचे तो मेला मैदान भी तालियों से गूंज उठा। तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी..., तेरी दीवानी और छाप तिलक जैसे हर दिल अजीज गानों से सलमान ने धूम मचा दी। उन्होंने "तेरे नाम से जी लूं तेरे नाम से मर जाऊं' गाने की प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम का आगाज किया। इसके बाद उन्होंने "मेरे रश्के कमर तूने पहली नजर गाया तो दर्शक भी झूमने लगे ।