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कांग्रेस व सहयोगियो द्वारा दिए गये बयानों पर बोलें केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर


 केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने अहंकारी इंडी अलायंस के बयानों और गतिविधियों को विभाजनकारी बताते हुए इसे देश के लोगों के बीच अविश्वास पैदा करने और भारत को तोड़ने की कोशिश में लिप्त बताया है। 

उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार वसुधैव कुटुंबकम की सोच को पूरी दुनिया में फैला रहे हैं। भारत ने वैश्विक महामारी के समय भी पूरी दुनिया में वैक्सीन मैत्री के माध्यम से मदद पहुंचाई । पिछले 9 वर्षों से हमारी सरकार का मूल मंत्र "सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास "रहा है। विपक्ष मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अपनी करारी हार के बाद गाली-गलौज पर उतर आया है।देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री ने पूछा, "सोनिया गांधी और राहुल गांधी की ऐसी क्या मजबूरी है की उनके लिए देश को बांटना जरूरी है? उनके लिए क्यों सनातन का अपमान जरूरी है? ऐसी क्या मजबूरी है की बाबासाहेब के संविधान की धज्जियां उड़ानी जरूरी है? कांग्रेस की ऐसी क्या मजबूरी है की उनके द्वारा अपने चुनावी हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ना जरूरी है? मान लीजिए अगर राहुल गांधी केरल में जीतते तो क्या कहते? 

अनुराग ठाकुर ने कहा,"कांग्रेस और कांग्रेस के सहयोगी दल लगातार भारत को बाँटने का बीज बो रहे हैं। कांग्रेस के लोग संसद में अपने सहयोगियों को अपमानजनक टिप्पणियां करने हेतु पर्ची देते हैं। कांग्रेस और उसके सहयोगी अपनी हार से सीखने के बजाय हिंदू, हिंदी और सनातन के अपमान पर उतर आए हैं। आखिर कांग्रेस क्यों हमेशा देश में जातिवाद या क्षेत्रवाद फैलाने में लगी रहती है? राहुल गांधी के पुराने बयान की याद दिलाते हुए श्री ठाकुर ने कहा,"हम सभी को याद है कि कैसे अमेठी से चुनाव हारने के बाद राहुल गांधी ने दक्षिण भारत में जाकर उत्तर भारतीयों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। प्रधानमंत्री  मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी कभी भी इस देश के टुकड़े नहीं होने देगी।"

ठाकुर ने आगे कहा, राहुल गांधी को बताना चाहिए कि उनकी भारत जोड़ो यात्रा ने देश को जोड़ा या तोड़ा? तेलंगाना में कांग्रेस का होने वाला मुख्यमंत्री कहता है कि तेलंगाना का DNA बिहार से बेहतर है। क्या राहुल गांधी इस बयान से सहमत हैं? क्या राहुल गांधी तमिलनाडु में उनके सहयोगी स्टालिन और उनके बेटे द्वारा दिए जा रहे सनातन विरोधी बयानों से सहमत हैं? क्या यह उनकी सुनियोजित रणनीति का हिस्सा नहीं है?"

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