चंडीगढ़...केरला टूरिज्म 2024 में नई ऊँचाइयाँ छूने को तैयार है। इसके लिए इसने नये-नये प्रोडक्ट्स पेश किये हैं, जिसमें हेली-टूरिज्म भी शामिल है। हेली-टूरिज्म घरेलू पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिये केरला टूरिज्म राज्य के प्रमुख गंतव्यों को जोड़ेगा।
केरल के पर्यटन मंत्री पी. ए. मोहम्मद रियास ने कहा, ‘‘हेली-टूरिज्म की ब्रांडिंग ‘स्काय एस्कैप्स’ के नाम से की गई है। इसकी योजना तीन दशक पहले राज्य में दिखे हाउसबोट्स की तर्ज पर एक गेम-चेंजर के रूप में बनाई गई है। यह भारत और विदेशों से पर्यटकों को आकर्षित करेगा। रियास ने आगे कहा, ‘‘केरल देश का पहला राज्य बन चुका है, जोकि पर्यटन के लिये हेली-टूरिज्म की एक विस्तृत नीति लेकर आया है। हेलीकॉप्टर सेवा प्रदाताओं के ट्रैवेल पैकेजेस का विवरण देने वाली एक माइक्रो-साइट बनाई गई है। एक ही दौरे में विभिन्न जगहों पर जाने की योजना बना रहे पर्यटकों को इस पहल से काफी मदद मिलेगी।’’पर्यटन मंत्री ने कहा, ‘‘नये साल में हमने राज्य में घरेलू पर्यटकों की मौजूदगी बढ़ाने के लिये बनाई कामयाब रणनीति। केरला टूरिज्म के कैम्पेन ‘मेक अप फॉर लॉस्ट टाइम, पैक अप फॉर केरला’’ को प्रतिष्ठित PATA Gold Award मिला है। यह अवार्ड प्रचार के लिये उसकी अभिनव पहल को साबित करता है।’’
केरला टूरिज्म राज्य को शादियों के लिये एक आदर्श डेस्टिनेशन के तौर पर बढ़ावा देने के लिये भी ठोस प्रयास कर रहा है। इसके लिये राज्य की आकर्षक प्राकृतिक सुंदरता, खूबसूरत गंतव्यों, ठहरने एवं बैंक्वेट की शानदार सुविधाओं तथा कनेक्टिविटी का इस्तेमाल हो रहा है। हाल के ट्रेंड दिखाते हैं कि अब राज्य में अच्छी संख्या में डेस्टिनेशन वेडिंग्स हो रही हैं। पर्यटन सचिव के. बिजू, आईएएस ने कहा, ‘‘सरकार डेस्टिनेशन वेडिंग्स के लिये अनुकूल वातावरण बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इससे दुनियाभर के कपल्स आकर्षित होंगे, पर्यटन बढ़ेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।’’के.बिजू ने कहा कि जनवरी से सितंबर 2023 के दौरान देश के भीतर से केरल में 159.69 लाख लोगों की एक रिकॉर्ड संख्या आई थी। इस प्रकार 19.34 % की प्रभावशाली वृद्धि देखी गई। उन्होंने आगे कहा, ‘पर्यटन के लिये हमारी अभिनव पहलों का यह सबूत है कि हमारा राज्य न सिर्फ एक सुरक्षित और आतिथ्य-सत्कार करने वाला गंतव्य है, बल्कि हर मौसम में छुट्टियाँ बिताने के लिये स्वर्ग के जैसा है।’’
पर्यटन सचिव ने बताया, ‘‘हम रोमांचक गतिविधियाँ चाहने वाले युवाओं को आकर्षित करने के लिये एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देने की कोशिशें भी कर रहे हैं। इको-एडवेंचर टूर पैकेजेस केरल के प्राकृतिक खजानों पर केन्द्रित हैं। उन्हें एक बड़ी रणनीति के तहत तैयार किया गया है, ताकि नये जमाने के पर्यटकों को एक रोमांचक अनुभव मिल सके।’’
पर्यटन निर्देशक पी. बी. नूह, आईएएस ने बताया कि केरला टूरिज्म की नई रणनीति नये गंतव्यों की पेशकश, पर्यटन के अभिनव सर्किट बनाने, बुनियादी ढांचे के विकास में निवेश करने और क्षमता निर्माण की परियोजनाओं पर निर्भर है।
केरला टूरिज्म ने ट्रेवल ट्रेड नेटवर्किंग एक्टिविटीज की एक श्रृंखला भी लॉन्च की है। इसमें जनवरी से मार्च तक भारत के प्रमुख शहरों में व्यापार मेलों में भाग लेना और B2B रोड़शोज का आयोजन शामिल है। इस प्रकार ज्यादा लोगों तक पहुँचा जा सकेगा। इनमें जनवरी में चंडीगढ़ और दिल्ली में एक पार्टनरशिप मीट और फरवरी तथा मार्च के दौरान भोपाल, लखनऊ, अहमदाबाद और हैदराबाद में बी2बी ट्रेड मीट्स की एक श्रृंखला शामिल है।
यह देखते हुए कि अक्टूबर से लेकर मार्च तक का समय केरल जाने के लिये सबसे बढि़या होता है, पी. बी. नूह, आईएएस ने बताया कि पर्यटकों के लिये अलग-अलग तरह के अनुभव लाने के मामले में केरल अनोखा है। इनमें हाउसबोट्स, कारवां स्टे, जंगल लॉजेस, बागानों के दौरे, होमस्टे, आयुर्वेद पर आधारित वेलनेस सॉल्यूशंस, हरी-भरी पहाडि़यों पर ट्रेकिंग समेत कंट्री-साइड वॉक्स और एडवेंचर की गतिविधियाँ शामिल हैं।